Sunday, May 26, 2019
Monday, May 20, 2019
DARK NIGHT AND THE LOVE OF GOD
DARK NIGHT
AND THE LOVE OF GOD
This story consists of imagination of our mind.
One night the two boys namely john and jack was going to buy
something . it was the 11 o’ clock .
when they reached at the shop through walking on the road, they saw that the
shop was closed. The whole environment was full of peace and silence , there
was no sound. Both of them get scared and want to go back to home because they
saw there was no one ,only silence night. Only some street lights were glowing.
At once , they saw all the street lights gets automatically closed and fearful
sound was heard. They gets scared and started running faster towards their home
because they knew that this is the sound of evil spirit. When they cross the
small water lane , the john running and saw back to him that the bicycle is
coming towards him without driver and following him with speed. He fully gets
scared from the ghost and made a big jump towards sky and spoke the word “oh
father…” ( for god ). Then, then bicycle become disappeared and the god will protect him. After speaking the
word he started flying in the sky and hear “ I am with you”.
So, he came back to home with smile.
--Ashish
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“ God( jesus ) helps those who have faith in him and walk on
the path of goodness.”
“ Gods love deeper
than the depth of the sea. "
Thursday, May 16, 2019
विद्यालय : शिक्षा का मंदिर
विद्यालय
: शिक्षा का मंदिर
यह कहानी तब शुरू हुई जब मै छोटा था |तभी मेरे मन में लालसा
जगी की मै भी स्कूल जाऊ दूसरों को देखकर कि वह स्कूल जा रहे हैं पढने के लिए |
मेरे मन में भी कुछ ऐसे तरंगें जाग उठी | मैं उत्साहित हो जाता था बस यही जिद
हमेशा रहता था कि मै भी स्कूल जाऊ लेकिन स्कूल जाने के लिए निश्चित आयु की
आवश्यकता होती है | मै स्कूल जाने के लिए अभी छोटा था | गाँव में प्राथिमिक
विद्यालय में नाम लिखवाने के लिए लगभग चार से पांच वर्ष की आयु होनी चाहिए | लेकिन आज के समय में दो या तीन वर्ष बच्चा हुआ
स्कूल जाने लगता है | समय के साथ साथ निरंतर बदलाव आ जाता है | विद्यालय एक ऐसा शिक्षा का मंदिर है जिसे
हम पैसों या धन दौलत से नहीं खरीद सकते , क्योंकि ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती वह
हमेशा उचाईया छूता रहता है | वह कभी भी कम नहीं होता है , विद्यालय माता- पिता का दूसरा रुप होता है जिससे वह पूरी जिम्मेदारी से सारे बच्चों को बराबर
शिक्षा देता है | माता पिता हमारा ख्याल हमेशा रखते हैं जब वे विद्यालय में नहीं
होते हैं तो हमारे माता पिता शिक्षक हैं क्योंकि वही हमें ज्ञान सिखाते हैं और
अच्छे राहों पर ले जाते हैं| विद्यालय एक ऐसी जगह है जहाँ पर किसी भी चीज का भेद भाव नहीं होता, सबको
बराबर का हक़ है | यहोवा ने हमें बराबर बुद्धी दी है जिसे हम अच्छे से इस्तेमाल कर
सकते है | विद्यालय एकमात्र वही स्रोत है जो हमें आगे बढ़ने का मौक़ा देता है |
जिससे हम समाज में एक नयी मिसाल कायम करने कि प्रेरणा देता है | जिससे प्रत्येक
व्यक्ति अपनी इच्छा से काम कर सके और दुसरा व्यक्ति हमें मूर्ख न समझे | विद्यालय
फूलों का मंदिर है जो हमेशा महकता और मुस्कुराता है और दूसरों को भी मुस्कुराने का
अवसर देता है |
विद्यालय एक पवित्र स्थान है जहाँ सारे बच्चे शिक्षक मिलकर
सुबह प्रार्थना करते हैं , ताकि अपना दिन उत्साह और आनंद से बीते | विद्यालय में
दोस्तों के साथ खेलकर और उनसे सीखी बाते आज भी याद है क्योकि वह दिन ऐसा होता था
कि गृहकार्य करके स्कूल ना जाओ तो शिक्षक दंड देते थे | कभी-कभी मजाक – मजाक में
दोस्तों से लड़ाई हो जाती थी वे बातें जब आज आखों के सामने आतीं हैं तो फिर से वही
यादें वापस आ जाती हैं | दिल यही कहता है कि फिर वहीँ चला जाऊ लेकिन वो वक्त कहाँ
वापस आ सकता है | अपने शिक्षक का प्यार और दोस्तों के साथ रहकर पढना जब भी याद आता
है तो आखों के सामने घूमने लगता है | मै वहां से पढ़कर निकल जरूर गया हूँ लेकिन
विद्यालय हमेशा दिल और दिमाग में बसा हुआ है | जब याद आता है मन उत्साह और उमंग से
भर जाता है |
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